वे शब्दांश जो मूल शब्द के पहले जुड़कर इनके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता ला देते हैं, उन्हें उपसर्ग (Upsarg) कहते हैं।
उपसर्गों का प्रयोग नए शब्दों की रचना के लिए किया जाता है। नए शब्द बनाने के लिए मूल शब्दों के आरंभ में या उनके आगे कुछ शब्दांशों को जोड़ दिया जाता है। इससे मूल शब्द के अर्थ में बदलाव आ जाता है। ऐसे ही शब्दांशों को उपसर्ग कहते हैं।
उपसर्ग (Upsarg) के भेद
- संस्कृत के उपसर्ग
- हिन्दी के उपसर्ग
- विदेशी उपसर्ग
1. संस्कृत के उपसर्ग
ये इतने ही होते हैं और इन्हे ऐसे ही याद किया जा सकता है।
उपसर्ग | अर्थ | योगिक शब्द |
अव | बुरा | अवगणना, अवतरण, अवगुण |
अप | बुरा/विपरीत | अपकर्ष, अपमान, अपकार, अपजय |
अति | अधिक | अतिशय |
अधि | ऊपर/श्रेष्ठ | अधिपति, अध्यक्ष, अध्यापन |
अभि | पास/सम्मुख | अभिनंदन, अभिलाप, अभिमुख, अभिनय |
अपि | भी | अपिधान |
अनु | पीछे | अनुक्रम, अनुताप, अनुज, अनुकरण, अनुमोदन |
आ | तक/सीमा | आगमन, आदान, आकलन |
उत् | ऊपर/श्रेष्ठ | उत्कर्ष, उत्तीर्ण |
उप | पास/समीप | उपाध्यक्ष, उपदिशा, उपग्रह, उपनेत्र |
दुर् | बुरा/कठिन | दुराशा, दुरुक्ति |
दुस् | बुरा/कठिन | दुस्कर, दुष्कामना, दुष्परिणाम |
नि | अभाव/रहित | निमग्न, निबंध, निकामी |
निर् | अभाव/रहित | निरंजन, निराषा |
निस् | अभाव/रहित | निष्फल, निश्चल |
प्र | प्रबल | प्रकोप, प्रबल |
प्रति | प्रत्येक/विपरीत | प्रतिकूल, प्रतिच्छाया, प्रतिदिन, प्रतिवर्ष, प्रत्येक |
परा | उल्टा | पराजय |
परि | चारों ओर | परिपूर्ण,परिश्रम, परिवार |
वि | विशेष/भिन्न | विख्यात, विवाद, विफल, विसंगति |
सु | अच्छा | सुभाषित, सुकृत, सुग्रास, सुगम, सुकर, स्वल्प |
सम् | अच्छी तरह | संस्कृत, संस्कार, संगीत, संयम, संयोग, संकीर्ण, सुबोधित, सुशिक्षित |
उपसर्ग | अर्थ | योगिक शब्द |
अन् | अभाव, रहित | अनंत, अनिष्ट, अनधिकार, अनभ्यास, अनवधान, अनुत्तरित, अनुदात्त, अनुद्यत, अनभिज्ञ, अनारभ। |
अधः | नीचे | अधःपतन, अधोगति, अधोमुख, अधोगामी, अधाेगमन, अधोहस्ताक्षर, अधोगत। |
अंतर् | भीतर, मध्य | अंतरात्मा, अन्तर्गत, अन्तर्जातीय, अंतर्ज्वाला, अंतदृष्टि, अंतःकरण। |
अंतर | के मध्य | अंतर-राष्ट्रिय, अंतदेर्शीय, अंतजातीय, अंतरद्वीय, अंतर्राज्यीय। |
अलम् | सज्जित | अलंकार, अलंकरण, अलंकृत, अलंकृति। |
तिरः | तुच्छ | तिरस्कार, तिरोधान, तिरोहित, तिरस्कृत, तिरोभाव। |
पुनर् | फिर | पुनरपि, पुनरागत, पुनरागम, पुनरावत्त, पुनरुत्थान, पुनर्जन्म। |
पूर्व | पहला, पहले | पूर्वकालिक, पूर्वाधिकार, पूर्वज, पूर्वधारणा, पूर्वपद, पूर्वदिशा। |
पुरा | प्राचीन | पुराकथा, पुरातत्व, पुरालिपि, पुरालेख, पुरातन, पुराविद। |
प्राक् | पहले का | प्राक्कथन, प्राक्कलन, प्राक्काल, प्राकृत, प्राग्ज्योतिष, प्राग्वचन। |
बहिः | बाहर | बर्हिगमन, बहिर्गामी, बहिष्करण, बहिष्कार, बहिष्कार, बहिर्मुख। |
सह | साथ | सहकार, सहकर्मी, सहचर, सहमत, सहयात्री, सहयोग, सहमति। |
2. हिन्दी के उपसर्ग
उपसर्ग | अर्थ | योगिक शब्द |
अ | अभाव/ रहित | अभाव, अखण्ड, अज्ञान, अजर, अमर |
अन | अभाव/रहित | अनपढ़, अनजान, अनमोल, अनबन, अनोहनी |
कु | बुरा | कुख्यात, कुपुत्र, कुरीति, कुकर्म, कुमार्ग |
भर | पूरा | भरपेट, भरमार, भरपाई, भरपूर, भरसक |
अध | आधा | अधमरा, अधपका, अधजला, अधखिला, अधकचरा |
बिन | बिना | बिनखाया, बिनबोया, बिनबुलाया, बिनमाँगा |
स | सहित/अच्छा | सहित, सपूत, सफल, सबल |
सम | समान | समतल, समकक्ष, समकालीन, समकोण |
ड | ऊँचा | उखड़ना, उगाना, उछलना, उछालना, उजला, उलाँघना। |
उन | एक कम | उन्नीस, उनतीस, उनचालीस, उनंचास, उनसठ, उनहत्तर। |
औ | बुरा, नीचे | औगुन, औघट, औघड़, ओधार, औसान, औजाड़। |
क/कु | बुरा | कठिन कपूत, कूटेव, कुठौर, कुचाल, कुतरक, कुतार। |
चो | चार | चोखाना, चोगान, चोपाई, चोरंगा, चोसर। |
ति | तीन | तिकौना, तिगुना, तिमाही, तिपाई, तिराहा, तिरंगा। |
दु | दो | दुगुना, दुमट, दुभाँत, दुभाषियी, दुधारू, दुरंगा। |
पर | दूसरा | परकाज, परदादा, परपोता, परदुख, परसुख, परदेश, परधरम। |
3. विदेशी उपसर्ग
विदेशी भाषाओं से हिंदी में आए उपसर्गों को विदेशी उपसर्ग कहते हैं। ये उपसर्ग हिंदी शब्दों के अर्थ में बदलाव लाते हैं और उन्हें नया अर्थ देते हैं।
उपसर्ग | अर्थ | याेगिक शब्द |
बे | अभाव/रहित | बेघर, बेईमान, बेइज्जत, बेसहारा, बेवफा, बेपनाह |
खुश | अच्छा | खुशबू, खुशकिस्मत, खुशमिजाज, खुशखबरी, खुशनसीब |
बद | बुरा | बदबू, बदनाम, बदसूरत, बदनसीब, बदमिजाज |
ला | अभाव/रहित | लाइलाज, लाजवाब, लापता, लावारिस, लापरवाह |
ना | नहीं | नाराज, नाउम्मीद, नापसन्द, नालायक, नाजायज |
हर | प्रत्येक | हरपल, हरघड़ी, हरवक्त, हररोज, हरसाल |
हम | साथ | हमराही, हमसफर, हमराज, हमदद, हमवतन |
गैर | अभावधरहित | गैरहारिज, गैरकानूनी, गैरकौम |
अल | निश्चित | अलकायदा, अलबेला, अलबत्ता, अलमस्त, अलविदा, अलगरजी। |
कम | कम | कमअक्ल, कमउग्र, कमकस, कमजोर, कमबख्त, कमखर्च। |
बा | साथ,अनुसार | बाअदब, बाइज्जत, बाउसूल, बाईमान, बाकायदा, बामुराद। |
दर | में, अन्दर | दरअसल, दरकिनार, दरखास, दरमियान, दरहकीकत। |
सर | ऊंचा, अच्छा | सरताज, सरदार, सरनाम, सरकार, सरफरोश, सरहद। |
उपसर्ग एवं प्रत्यय में अंतर (upsarg evam pratyaya mein antar)
उपसर्ग (Prefix): उपसर्ग वे शब्दांश या अक्षर होते हैं जो किसी मूल शब्द के पहले जुड़कर नए शब्द का निर्माण करते हैं।
प्रत्यय (Suffix): प्रत्यय वे शब्दांश या अक्षर होते हैं जो किसी मूल शब्द के बाद जुड़कर नए शब्द का निर्माण करते हैं।
देखें: विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गये उपसर्ग के प्रश्न (MCQ फॉर्मेट में)
उपसर्गों का हिन्दी भाषा में महत्वपूर्ण स्थान है। उपसर्गों के प्रयोग से शब्दों के अर्थ में विविधता लाकर भाषा को अधिक समृद्ध और प्रभावशाली बनाया जा सकता है।
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