संज्ञा (SANGYA) के 5 प्रकार: जानें और कभी न भूलें!

हिंदी व्याकरण में संज्ञा (Sangya) एक महत्वपूर्ण घटक है, जो किसी भी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, गुण या भावनाओं का बोध कराती है। संज्ञा न केवल भाषा के व्याकरणिक ढांचे को मज़बूत करती है, बल्कि यह हमारे दैनिक जीवन के संवाद में भी उपयोगी होती है। इस लेख में हम संज्ञा के विभिन्न प्रकार, उनके उदाहरणों, और संज्ञा से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों की विस्तार से चर्चा करेंगे।

संज्ञा की परिभाषा (Definition of Sangya):

संज्ञा वह शब्द है जो किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी, या भावना को नाम देता है। सरल भाषा में, संज्ञा किसी भी चीज़ की पहचान बताने वाला शब्द है। उदाहरण के लिए, “राम”, “दिल्ली”, “किताब”, “सुख” ये सभी संज्ञा हैं। इनसे किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या भावना का बोध होता है।

संज्ञा का शाब्दिक अर्थ है – “सम+ज्ञा” अर्थात् सम्यक ज्ञान कराने वाला। अतः किसी भी व्यक्ति, वस्तु, गुण, भाव, स्थिति का परिचय कराने वाले शब्द को संज्ञा कहते हैं।

संज्ञा के प्रकार (Types of Nouns)

संज्ञा के मुख्य रूप से से “तीन” भेद माने जाते हैं –

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  2. भाववाचक संज्ञा
  3. जातिवचक संज्ञा

ये संज्ञा के ‘दो भेद ‘और बताए जाते है किन्तु हिन्दी में उक्त दोनों भेद ‘जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत’ ही आते हैं।

  1. समूहवाचक संज्ञा
  2. द्रव्यवाचक संज्ञा

(i) व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun)

व्यक्तिवाचक संज्ञा किसी विशेष व्यक्ति, स्थान, वस्तु या प्राणी का बोध कराती है। ये संज्ञा केवल उसी विशेष वस्तु या व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होती है।

जैसे:

  • व्यक्तियों के नाम -महात्मा गांधी, गौतम बुद्ध, सीता आदि।
  • प्राणियों के नाम – एरावत-हाथी
  • स्थानों के नाम – दिल्ली, अमेरिका, भारत आदि।
  • वस्तुओं के नाम- रामायण, गीता आदि।

प्रश्न: निम्नलिखित में से किस विकल्प में सभी शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा हैं ? [CET-2023]

  1. बकरी, घड़ी, चाचा, होली
  2. जनवरी, पृथ्वी, चाँदनी चौक, प्रदीप
  3. लड़ाई, ममता, हाथ, रामायण
  4. गंगा, तालाब, नदी, समुद्र

उत्तर  देखें

उत्तर: विकल्प (2)

प्रश्न: ‘गाँधी’ को राष्ट्रपिता कहा गया। इस वाक्य में ‘गाँधी’ शब्द क्या है? [II Gr Teacher-2014]

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  2. जातिवाचक संज्ञा
  3. विशेषण
  4. समूहवाचक संज्ञा

उत्तर  देखें

उत्तर: विकल्प (1) व्यक्तिवाचक संज्ञा

(ii) भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun)

यह संज्ञा किसी भावना, गुण या अवस्था का बोध कराती है। भाववाचक संज्ञा को हम देख या छू नहीं सकते, केवल अनुभव कर सकते हैं। जैसे-‘बच्चे’ को देख सकते है लेकिन बचपन को नहीं।

भाववाचक संज्ञा पांच प्रकार के शब्दों (जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया तथा अव्यय) के साथ प्रत्यय के मेल से बनती हैं।

प्राय गुण-दोष, अवस्था, व्यापार, अमूर्तभाव तथा क्रिया के मूल रूप भाववाचक संज्ञा के अंतर्गत आते हैं।

जैसे:

  • गुण-दोष: चौड़ाई, लंबाई, सुंदरता, कुरूपता, चतुरता
  • दशा: बुढ़ापा, यौवन, प्यास, बचपन
  • भाव: आशा, स्वार्थ, शत्रुता, क्रोध, शांति, ईर्ष्या
  • कार्य: सहायता, विश्वास, प्रशांसा, सलाह, नैतिकता

प्रश्न: किस विकल्प में सभी शब्द भाववाचक संज्ञा हैं ? [Sr. Teacher – Sanskrit: 20-02-2019]

  1. बालक, प्रीति, अनेकता
  2. पशुता, पुस्तक, शौर्य
  3. सौन्दर्य, अपनापन, निपुण
  4. ईर्ष्या, बचपन, नैतिकता

उत्तर  देखें

उत्तर: विकल्प (4)

प्रश्न: झूठा आदमी विश्वास के योग्य नहीं होता – इस वाक्य में विश्वास है ? [III Gr Teacher 2012]

  1. अकर्मक संज्ञा
  2. जातिवाचक संज्ञा
  3. गुणवाचक संज्ञा
  4. भाववाचक संज्ञा

उत्तर  देखें

उत्तर: विकल्प (4)

(iii) जातिवाचक संज्ञा (Common Noun)

जो शब्द किसी प्राणी, पदार्थ या समुदाय की पूरी जाति का बोध कराते हैं, जातिवाचक संज्ञा कहते है। यह एक समूह के सभी सदस्यों के लिए समान होती है।

जैसे: मनुष्य, पशु, नर, नारी, फल, ग्रंथ, पुस्तक, नदी, देश, झरना आदि।

प्रश्न: “पुस्तक” किस प्रकार की संग्रह है? [PSI-2022]

  1. जातिवाचक
  2. व्यक्तिवाचक
  3. भाववाचक
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर  देखें

उत्तर: विकल्प (1) जातिवाचक संज्ञा

प्रश्न: निम्न में से जातिवाचक संज्ञा हैं ? [JLO-2023]

  1. भिन्नता
  2. बुराई
  3. मूर्खता
  4. पशु

उत्तर  देखें

उत्तर: विकल्प (4) पशु

अंग्रेजी प्रभाव के कारण हिन्दी में भी जातिवाचक संज्ञा के दो उपभेद किये जाते हैं-

(i) समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun)

समूहवाचक संज्ञा किसी समूह या समुदाय का बोध कराती है। इसमें एक से अधिक व्यक्तियों या वस्तुओं को एक समूह के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।

उदाहरण: दरबार, सभा, भीड़, परिवार, टीम, कक्षा, झुंड, दल।

प्रश्न: भारतीय “सेना” बहुत शक्तिशाली है। वाक्य में “सेना” संज्ञा है? [III Gr Teacher 2012]

  1. जातिवाचक
  2. समुदाय वाचक
  3. भाववाचक
  4. व्यक्तिवाचक

उत्तर  देखें

उत्तर: विकल्प (2) समुदाय/समूह वाचक

(ii) द्रव्यवाचक संज्ञा (Material Noun)

यह संज्ञा उन पदार्थों का बोध कराती है जो किसी द्रव्य, तरल या ठोस रूप में होते हैं।

उदाहरण:

  • स्टील, लोहा, पीतल (बर्तनों के लिये)
  • लकड़ी (फर्नीचर के लिये)
  • प्लास्टिक (खिलौनों के लिये)
  • ऊन (स्वेटर के लिये)
  • सोना-चांदी (आभूषणों के लिये)

संज्ञा के उदाहरण (Examples of Nouns)

संज्ञा के विभिन्न प्रकारों के उदाहरणों के माध्यम से आप इनकी पहचान कर सकते हैं। यहाँ प्रत्येक प्रकार के लिए कुछ उदाहरण दिए गए हैं:

  • व्यक्तिवाचक संज्ञा: “राम स्कूल जा रहा है।”
    इसमें “राम” व्यक्तिवाचक संज्ञा है।
  • जातिवाचक संज्ञा: “शहर बहुत सुंदर है।”
    यहाँ “शहर” जातिवाचक संज्ञा है।
  • भाववाचक संज्ञा: “सच्चाई हमेशा जीतती है।”
    “सच्चाई” भाववाचक संज्ञा है।
  • समूहवाचक संज्ञा: “कक्षा में शांति है।”
    “कक्षा” समूहवाचक संज्ञा है।
  • द्रव्यवाचक संज्ञा: “सोना बहुत महंगा होता है।”
    “सोना” द्रव्यवाचक संज्ञा है।

संज्ञा और विशेषण के बीच का अंतर (Difference Between Noun and Adjective)

संज्ञा वह शब्द है जिससे किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भावना का बोध होता है जबकि विशेषण वह शब्द है जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता को व्यक्त करता है।

उदाहरण:

  • संज्ञा: “यह एक किताब है।”
    इसमें “किताब” संज्ञा है।
  • विशेषण: “यह एक बड़ी किताब है।”
    इसमें “बड़ी” विशेषण है, जो संज्ञा की विशेषता बता रहा है।

प्रतियोगी परीक्षाओं में संज्ञा (Sangya in Competitive Exams)

संज्ञा से जुड़े प्रश्न विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाते हैं। यहाँ कुछ अभ्यास प्रश्न दिए गए हैं जो आपको प्रतियोगी परीक्षाओं में मदद करेंगे:

प्रश्न: इनमें से कौन-सा व्यक्तिवाचक संज्ञा है?

  1. नदी
  2. गंगा
  3. किताब
  4. शहर
उत्तर  देखें

उत्तर: (2) गंगा

प्रश्न: इनमें से कौन-सा भाववाचक संज्ञा है?

  1. ईमानदारी
  2. लड़का
  3. समूह
  4. दिल्ली
उत्तर  देखें

उत्तर: (1) ईमानदारी

प्रश्न: ‘डॉक्टर चंद्रा अदम्य साहस की धनी थी’ वाक्य में प्रयुक्त ‘साहस’ शब्द किस व्याकरणिक कोटी का है ? [REET L-II, 26.09.2021]

  1. अव्यय
  2. भाववाचक संज्ञा
  3. क्रिया-विशेषण
  4. गुणवाचक संज्ञा

उत्तर  देखें

उत्तर: (2) क्योंकि साहस को महसूस किया जा सकता हैं।

किस वाक्य में व्यक्तिवाचक संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयुक्त हुई है? [PSI-15.09.2021]

  1. हमें बुराइयों से दूर रहना चाहिए।
  2. भाषा की भिन्नता के बावजूद देशवासी अभिन्न हैं।
  3. लौह पुरुष के दृढ़ संकल्प ने देश को एक सूत्र में बांधा।
  4. देश को नटवरलालों ने तरह-तरह से ठगा हैं।

उत्तर  देखें

उत्तर: (4) जब कोई व्यक्तिवाचक संज्ञा व्यक्ति (नटवरलाल) विशेष का बोध ना कराकर उस व्यक्ति के जैसे- गुण या दोष से युक्त अनेक व्यक्तियों के वर्ग अथवा जाति का बोध करवाती है तो वह व्यक्तिवाचक संज्ञा न रह कर जातिवाचक संज्ञा बन जाती है।

संज्ञा के प्रयोग में सामान्य गलतियाँ (Common Mistakes in the Use of Nouns)

  1. विशेषण को संज्ञा समझना: कई बार लोग विशेषण को संज्ञा मानने की गलती करते हैं।
    उदाहरण: “राम एक तेज छात्र है।” इसमें “तेज” विशेषण है, न कि संज्ञा।
  2. भाववाचक और जातिवाचक संज्ञा का भेद न समझना: भाववाचक संज्ञा और जातिवाचक संज्ञा के प्रयोग में अक्सर भ्रम हो जाता है।
    उदाहरण: “सच्चाई” एक भाववाचक संज्ञा है, जबकि “शहर” जातिवाचक है।

संज्ञा से जुड़े रोचक तथ्य (Interesting Facts about Nouns):

  • हिंदी में संज्ञा शब्दों का लिंग और वचन बदलने पर उनका रूप भी बदल जाता है।
    उदाहरण: लड़का (एकवचन) → लड़के (बहुवचन)।
  • हिंदी व्याकरण में संज्ञा को विशेष रूप से पहचानने के लिए प्रत्यय और उपसर्ग का भी अध्ययन होता है।

संज्ञा हिंदी भाषा और व्याकरण का आधारभूत तत्व है। यह भाषा को सटीक, सरल और प्रभावी बनाती है। संज्ञा का सही ज्ञान और उसके प्रकारों की समझ न केवल शैक्षणिक जीवन में बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं में भी आवश्यक है। इस लेख में संज्ञा की परिभाषा, उसके प्रकार, उदाहरण और प्रतियोगी परीक्षाओं में इसकी भूमिका पर विस्तृत जानकारी दी गई है। संज्ञा का सही प्रयोग भाषा को अधिक प्रभावी और समृद्ध बनाता है।

इस विस्तृत लेख के माध्यम से संज्ञा से जुड़े सभी पहलुओं को समझने में सहायता मिलेगी। अगर आपके कोई सवाल हैं या अधिक जानकारी चाहिए, तो आप हमें कमेंट्स में लिख सकते हैं।

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