इस लेख में जानिए – वाच्य (Vachya) क्या होता है, वाच्य की परिभाषा, उसके तीनों भेद – कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य और भाववाच्य – उनके उदाहरण, पहचान की ट्रिक और अभ्यास प्रश्न। यह लेख विशेष रूप से Class 8, 10 और प्रतियोगी परीक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है। साथ ही PDF, वर्कशीट और MCQ क्विज भी उपलब्ध है।
वाच्य की परिभाषा | Vachya Ki Paribhasha
क्रिया के उस परिवर्तन को ‘वाच्य’ कहा जाता है, जिससे यह पता चलता है कि वाक्य में कर्ता, कर्म या भाव में से किसकी मुख्य भूमिका है।
सीधे शब्दों में कहें तो — हिन्दी भाषा में वाच्य का अर्थ होता है – वाक्य में क्रिया के द्वारा कर्ता और कर्म की प्रमुखता को दर्शाना।
🔹 जैसे:
- राम गेंद फेंकता है। (कर्ता केंद्र में है)
- गेंद राम द्वारा फेंकी गई। (कर्म केंद्र में है)
- सीमा से चला नही जाता. (भाव केंद्र में है)
वाच्य का शाब्दिक अर्थ वाणी या कथन होता है।
वाणी का मतलब केवल वक्ता की आवाज़ या कथन से होता है, जो किसी तथ्य या बात को अलग-अलग अर्थों के साथ प्रस्तुत करने का तरीका दर्शाता है। जैसे;
- रमेश ने मेरी मदद की.
- रमेश के द्वारा मेरी मदद की गई
दोनों वाक्यों का अर्थ लगभग एक जैसा है, क्योंकि उनमें मदद करने की भावना व्यक्त हो रही है। हालांकि, दोनों की संरचना भिन्न है।-पहले वाक्य में कर्ता प्रमुख है, जबकि दूसरे वाक्य में कर्म को प्राथमिकता दी गई है।
वाच्य के भेद | Vachya Ke Bhed
हिन्दी व्याकरण में वाच्य तीन प्रकार के होते हैं:
- कर्तृवाच्य
- कर्मवाच्य
- भाववाच्य
कर्तृवाच्य (Krit Vachya)
क्रिया के उस रूपांतरण को कर्तृवाच्य कहते हैं, जिससे वाक्य में कर्ता की प्रधानता का बोध हो। या जिस वाक्य में कर्ता प्रधान हो और वही कार्य कर रहा हो, वह कर्तृवाच्य कहलाता है।
🔹 संरचना:
कर्ता + क्रिया + कर्म
🔹 कर्तृवाच्य के उदाहरण:
- मोहन ने पत्र लिखा।
- छात्र किताबें पढ़ते हैं।

कर्मवाच्य (karm Vachya)
क्रिया के उस रूपांतरण को कर्मवाच्य कहते हैं, जिससे वाक्य में कर्म की प्रधानता का बोध हो। या जिस वाक्य में कर्म प्रधान हो और कार्य कर्ता द्वारा कर्म पर किया गया हो, वह कर्मवाच्य कहलाता है।
🔹 संरचना:
कर्म + कर्ता (द्वारा) + क्रिया
🔹 कर्मवाच्य के उदाहरण:
- पत्र मोहन द्वारा लिखा गया।
- किताबें छात्रों द्वारा पढ़ी जाती हैं।
- अमरूद खाया जाता है।
- किताबें पढ़ी जाती है।
- छात्रों द्वारा पत्र लिखे जाते हैं।
- मुझसे बोझ उठाया नहीं गया।
- कल देर तक पढ़ा गया।
- कुरान मुझसे नहीं पढ़ी जा सकी।
- मुझसे पत्र नहीं लिखा गया ।
- भारत द्वारा नया उपग्रह छोड़ा गया।
- मुझसे अखबार पढ़ा नहीं जाता।
यहाँ क्रियाएँ कर्ता के बजाय कर्म के अनुसार बदलती हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि हिंदी में, अंग्रेज़ी की तरह कर्ता के होते हुए कर्मवाच्य का उपयोग नहीं किया जाता। उदाहरण के लिए, ‘मैं खाना खाता हूँ’ की जगह ‘मुझसे खाना खाया जाता है’ कहना गलत होगा। हालांकि, निषेध के संदर्भ में ऐसा लिखा जा सकता है, जैसे— मुझसे पत्र लिखा नहीं जाता; उससे पढ़ा नहीं जाता।
भाववाच्य (bahv Vachya)
क्रिया के उस रूपांतर को भाववाच्य कहते हैं, जिससे वाक्य में क्रिया अथवा भाव की प्रधानता का बोध हो। या जिस वाक्य में न कर्ता स्पष्ट हो और न ही कर्म, बल्कि केवल कार्य या भावना प्रकट हो, उसे भाववाच्य कहते हैं।
🔹 संरचना:
क्रिया + भावना या अनुभव
🔹 भाववाच्य उदाहरण:
- रूबी से टहला भी नहीं जाता।
- धूप में चला नहीं जाता।
- मुझसे बैठा नहीं जाता।
- चलो, अब सोया जाये ।
- उनसे हँसा नहीं जाता।
- लीना के द्वारा कहानी सुनाई जाती है।
- अब चला जाय।
- मुझसे अब और चला नहीं जाता।
- दादी से बैठा नहीं जाता।
- मुझसे देखा नहीं जाता।
यहाँ यह स्पष्ट है कि कर्तृवाच्य में क्रिया सकर्मक और अकर्मक दोनों हो सकती हैं, जबकि कर्मवाच्य में केवल सकर्मक और भाववाच्य में केवल अकर्मक क्रियाएँ होती हैं।
इन्हे “वाच्य भेद का वर्गीकरण (Vachya Bhed Ka Vargikaran)” भी कहा जाता है।
महत्वपूर्ण अभ्यास प्रश्न (MCQs) | Vachya Practice Questions

प्रश्न 1: “सीमा ने फूल तोड़ा।” वाक्य किस वाच्य में है?
A. कर्मवाच्य
B. भाववाच्य
C. कर्तृवाच्य
D. उपवाच्य
✅ उत्तर: C. कर्तृवाच्य
प्रश्न 2: “काम समय पर कर लेना चाहिए।” वाक्य किस वाच्य का उदाहरण है?
A. कर्तृवाच्य
B. कर्मवाच्य
C. भाववाच्य
D. संयुक्त वाच्य
✅ उत्तर: C. भाववाच्य
प्रश्न 3: “फूल सीमा द्वारा तोड़ा गया।” किस वाच्य का उदाहरण है?
A. भाववाच्य
B. कर्मवाच्य
C. कर्तृवाच्य
D. उपवाच्य
✅ उत्तर: B. कर्मवाच्य
वाच्य परिवर्तन
एक वाक्य से दूसरे वाक्य में परिवर्तन को वाच्य-परिवर्तन या रूपांतर कहते हैं। ध्यान रखें, इस प्रक्रिया से वाक्य के अर्थ या क्रिया के काल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
1. कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य
कर्तृवाच्य को कर्मवाच्य में बदलने के लिए हमें निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए।
- कर्त्ता कारक में करण कारक के चिह्न ‘से’/द्वारा’ का प्रयोग करना चाहिए।
- कर्म को चिह्न-रहित करना चाहिए।
- क्रिया को कर्म के लिंग-वचन-पुरुष के अनुसार रखना चाहिए अर्थात् कर्म प्रधान बनाना चाहिए।
कर्तृवाच्य वाक्य (Active Voice) | कर्मवाच्य वाक्य (Passive Voice) |
---|---|
बच्चे बहुत शोर करेंगे। | शोर बच्चों द्वारा किया जाएगा। |
रहमान पतंग उड़ाने में व्यस्त है। | पतंग रहमान द्वारा उड़ाई जा रही है। |
फैक्टरी को बंद किया गया। | फैक्टरी को बंद करवाया गया। |
बूढ़ी महिला भोजन नहीं खा सकती। | भोजन बूढ़ी महिला के द्वारा नहीं खाया जाता है। |
सचिन मैच खेलने चेन्नई जाएँगे। | मैच खेलने के लिए चेन्नई जाना सचिन द्वारा किया जाएगा। |
रमेश पत्र लिखता रहता है। | पत्र रमेश के द्वारा लिखा जाता है। |
सोहन सिनेमा देखने नहीं जाता। | सिनेमा सोहन द्वारा नहीं देखा जाता है। |
राकेश किताब पढ़ रहा है। | किताब राकेश के द्वारा पढ़ी जा रही है। |
शीला अभी पत्र लिख रही है। | पत्र शीला द्वारा लिखा जा रहा है। |
तुम समाचार-पत्र पढ़ते हो। | समाचार-पत्र तुम्हारे द्वारा पढ़ा जाता है। |
रीमा चित्रकारी करती है। | चित्र रीमा द्वारा बनाया जाता है। |
माला ने भोजन कर लिया। | भोजन माला के द्वारा खाया गया। |
नौकर घर की सफाई करता रहता है। | घर की सफाई नौकर द्वारा की जाती है। |
मित्र संकट में सहायता करते हैं। | संकट की घड़ी में सहायता मित्रों द्वारा की जाती है। |
2. कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य
कर्मवाच्य को कर्तृवाक्य में बदलने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है–
- यदि वाक्य की क्रिया वर्तमान एवं भविष्यत् की है तो कर्तानुसार क्रिया की रूप रचना रखनी चाहिए।
- कर्त्ता के अपने चिह्न (०, ने) आवश्यकतानुसार लगाना चाहिए।
- भूतकाल की सकर्मक क्रिया रहने पर कर्म के लिंग, वचन के अनुसार क्रिया को रखना चाहिए।
कर्तृवाच्य वाक्य | कर्मवाच्य रूपांतरण |
---|---|
मैं यह दृश्य नहीं देख सका। | यह दृश्य मेरे द्वारा नहीं देखा जा सका। |
गोपाल पत्र लिखता है। | पत्र गोपाल द्वारा लिखा जाता है। |
तुम झूठ नहीं बोल सके। | झूठ तुमसे नहीं बोला जा सका। |
नानी कहानी नहीं कहती। | कहानी नानी से नहीं कही जाती। |
मैं अखबार नहीं पढ़ सकता। | अखबार मुझसे नहीं पढ़ा जा सकता। |
वे यह दृश्य देख नहीं सकते। | यह दृश्य उनके द्वारा नहीं देखा जा सकता। |
यह छात्रा भावभीनी श्रद्धांजलि दे रही है। | इस छात्रा द्वारा भावभीनी श्रद्धांजलि दी जा रही है। |
मैंने पत्र नहीं लिखा। | पत्र मेरे द्वारा नहीं लिखा गया। |
मैं पत्र पढ़ नहीं सकता। | पत्र मुझसे पढ़ा नहीं जा सकता। |
भारत ने नया उपग्रह छोड़ा। | नया उपग्रह भारत द्वारा छोड़ा गया। |
कमला कल पत्र लिखेगी। | पत्र कल कमला द्वारा लिखा जाएगा। |
लड़कियाँ गीत गा रही हैं। | गीत लड़कियों द्वारा गाए जा रहे हैं। |
छात्र पत्र लिखते हैं। | पत्र छात्रों द्वारा लिखे जाते हैं। |
कल देर तक पढ़ा। | कल देर तक पढ़ा गया। |
3. कर्तृवाच्य से भाववाच्य
कर्तृवाच्य से भाववाच्य में परिवर्तन करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-
- भाववाच्य में प्रायः अकर्मक क्रियाओं का ही प्रयोग होता है ।
- कर्त्ता के साथ से/द्वारा चिह्न लगाकर उसे गौण किया जाता है।
- मुख्य क्रिया को सामान्य क्रिया एवं अन्य पुरुष पुल्लिंग एकवचन में स्वतंत्र रूप में रखा जाता है।
कर्तृवाच्य वाक्य | भाववाच्य वाक्य (पुनर्लिखित) |
---|---|
बच्चे शांत नहीं रह सकते। | बच्चों से शांत नहीं रहा जाता। |
वे गा नहीं सकते। | उनसे गाया नहीं जा पाता है। |
मैं नहीं चल सकता। | मुझसे चला नहीं जा पाता। |
चलो, अब सोते हैं। | चलो, अब सो लिया जाए। |
आइए, चलें। | आइए, चला जाए। |
मैं घर में बैठ नहीं सकता। | मुझसे घर में बैठा नहीं जा सकता। |
वह तख्त पर सोता है। | उससे तख्त पर सोया जा सकता है। |
वह बेचारी रो भी नहीं सकती। | उस बेचारी से रोया नहीं जाता है। |
मैं चुप नहीं बैठ सकता। | मुझसे शांत बैठा नहीं जाता है। |
हमलोग रोज नहाते हैं। | हमसे प्रतिदिन स्नान किया जाता है। |
गरमियों में लोग खूब नहाते हैं। | गरमी के दिनों में लोगों से अधिक स्नान किया जाता है। |
हम नहीं हँस सकते। | हमसे हँसी नहीं रोकी जाती। |
पक्षी रात में सोते हैं। | पक्षियों से रात में विश्राम किया जाता है। |
अब चलते हैं। | अब चला जाए। |
FAQs:
वाच्य का ज्ञान केवल व्याकरणिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि हिंदी लेखन और अनुवाद के लिए भी अत्यंत उपयोगी है।
यदि आप हिंदी भाषा में दक्षता चाहते हैं, तो वाच्य पहचानने और बदलने का अभ्यास अवश्य करें।
👉 वाच्य किसे कहते हैं?
उत्तर: जिस रूप से यह ज्ञात हो कि कर्ता कार्य कर रहा है, कार्य पर हो रहा है या केवल कार्य का बोध हो रहा है, उसे वाच्य कहते हैं।
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