प्रत्यय (Pratyay) एवं इसके भेद
परिभाषा: वे शब्दांश जो मूल शब्द के अन्त में जुड़कर उनके अर्थ में परिवतर्न कर देते हैं, प्रत्यय (pratyay) कहलाते हैं। जानें: प्रत्यय एवं उपसर्ग … और पढ़ें।
परिभाषा: वे शब्दांश जो मूल शब्द के अन्त में जुड़कर उनके अर्थ में परिवतर्न कर देते हैं, प्रत्यय (pratyay) कहलाते हैं। जानें: प्रत्यय एवं उपसर्ग … और पढ़ें।
विलोम का शाब्दिक अर्थ होता है – उलटा, विपरीत, रीति-विरूद्ध। विलोम शब्दों का उपयोग भाषा को अधिक प्रभावशाली और स्पष्ट बनाने के लिए किया जाता … और पढ़ें।
जब कोई वाक्य कम से कम शब्दों में व्यक्त किया जाता है और यह शब्द वाक्यांश (Vakyansh) का पूरा अर्थ सिद्ध करता है, तो उसे … और पढ़ें।
पर्याय का सामान्य अर्थ होता है -समान। इसलिए पर्यायार्थक शब्द / पर्यायवाची शब्द (Paryayvachi Shabd) का अर्थ हुआ “समान अर्थ काे व्यक्त करने वाला शब्द” पर्यायवाची … और पढ़ें।
मुहावरे (Muhavare) हिंदी भाषा की अनमोल धरोहर हैं, जो हमारे संवाद को जीवंत और अभिव्यक्तिपूर्ण बनाते हैं। इनका उपयोग साहित्य, लेखन, और बोलचाल में विशेष … और पढ़ें।
वाक्य की परिभाषा – सार्थक शब्दों का वह व्यवस्थित समूह जो किसी भाव या विचार को पूरी तरह से व्यक्त करता है, उसे वाक्य (Vakya) … और पढ़ें।
वे शब्दांश जो मूल शब्द के पहले जुड़कर इनके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता ला देते हैं, उन्हें उपसर्ग (Upsarg) कहते हैं। उपसर्गों का प्रयोग … और पढ़ें।
आपसी निकटता के कारण दो वर्णों के मेल से उत्पन्न विकार (परिवर्तन) को सन्धि/संधि कहते हैं।(संधि का शाब्दिक अर्थ होता है = मेल और इसका विलोम … और पढ़ें।
परिभाषा: भाषा की वह छोटी से छोटी ध्वनि जिसके और अधिक टुकड़े ने किया जा सके, वर्ण (Varn) कहलाते हैं।जैसे: शब्द “नीला” के यदि टुकड़े … और पढ़ें।