वह लिखित माध्यम जिससे व्यक्ति अपने भाव या विचाराें काे दूसराें तक पहुँचाता है, उसे पत्र कहते है। अर्थात् जब व्यक्ति अपने भाव या विचाराें काे दूसराें के समक्ष माैखिक रूप से पहुँचाने में असमर्थ होता है तब उन्हें किसी कागज पर लिखकर भेजता है, जिसे पत्र कहते हैं। पत्र मनुष्य के भाव या विचाराें काे दूसराें तक पहुँचाने का सबसे सरल और सस्ता साधन हाेता है।
- पत्राें का वर्गीकरण
- सरकारी / कार्यालयी पत्र
- कार्यालयी पत्र (Karyalayi Patra) लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- सरकारी/कार्यालयी पत्र (Karyalayi Patra) का प्रारूप
- सामान्य सरकारी/कार्यालयी पत्र लिखने का सही तरीका
- सामान्य कार्यालयी पत्र (Karyalayi Patra) का उदाहरण
- अनुस्मारक/स्मरण पत्र (Reminder)
- अर्धशासकीय पत्र (D. O. Letter / Demi Official Letter)
- परिपत्र
- परिपत्र का प्रारूप
- परिपत्र के उदाहरण
- स्टेनो कैडर के पदों पर कार्य व्यवस्थार्थ पदस्थापित अन्य कैडर के कार्मिकों के स्थान पर स्टेनो कैडर के ही कार्मिकों को लगाये जाने के संबंध में परिपत्र लिखिए ?
- सचिवालय परिसर में वाहनों के आवागमन एवं पार्किंग व्यवस्था के संबंध में परिपत्र लिखिए ?
- शासन सचिवालय परिसर एवं परिसर स्थित विभिन्न भवनों को स्वच्छ एवं साफ रखने के संबंध में सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रभावी कार्यवाही करने हेतु परिपत्र लिखिए।
- सरकारी/कार्यालयी पत्र (Karyalayi Patra) का प्रारूप
पत्राें का वर्गीकरण
पत्र 4 प्रकार के हाेते है-
- व्यक्तिगत/पारिवारिक पत्र
- सामाजिक पत्र
- सरकारी/कार्यालयी पत्र
- व्यावसायिक पत्र
सरकारी / कार्यालयी पत्र
सामान्य कार्यालयी पत्र की परिभाषा: किसी सरकारी कार्यालय, स्वायत्तशासी निकाय, बोर्ड, संस्थान के अधिकारी द्वारा राजकीय प्रयोजनार्थ किसी अन्य कार्यालय, अधीनस्थ या उच्चाधिकारी, संस्था, संगठन या व्यक्ति को लिखा जाने वाला पत्र सामान्य कार्यालयी पत्र (General Official Letter) कहलाता हैं।
तत्व | विवरण |
---|---|
किसके द्वारा | सरकारी कार्यालय, स्वायत्तशासी निकाय, बोर्ड, संस्थान के अधिकारी |
किसके लिए | किसी अन्य कार्यालय, अधीनस्थ या उच्चाधिकारी, निजी संस्था या फर्म, संगठन, व्यक्ति विशेष |
प्रयोजन | राजकीय (सरकारी) |
विषय-वस्तु | आदेश, निर्देश, सूचना, नियम निर्धारण, नियुक्ति, पदाेन्नति, पदमुक्ति आदि की सूचना |
कार्यालयी पत्र (Karyalayi Patra) लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- इन्हे केवल राजकीय कार्यों व प्रयोजनों हेतु लिखा जाता है। व्यक्तिगत कार्यों हेतु नहीं।
- इन पत्रों को राजकीय कार्यालय कि औपचारिक भाषा में लिखा जाना चाहिए।
- सरकारी पत्र की भाषा में सभी कार्यालयी विशेषताएं होनी चाहिए अर्थात इनकी भाषा सरल और स्पष्ट होनी चाहिए। इनमें अस्पष्ट, अनिश्चित, द्विअर्थी, व्यंग्य, उपहास एवं अशिष्ट शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
- इनमें विषयवस्तु व वस्तुस्थिति ही इतर अन्य विषय या व्यक्तिगत तथ्य/बात का उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए।
- प्रेषक के व्यक्तिगत, भावनात्मक पूर्वाग्रह आदि से प्रेरित होकर कोई विभेदकारी या कटु टिप्पणी नहीं कि जानी चाहिए।
- नाराजगी, अस्वीकृति, गुस्सा या खीझ आदि को शिष्ट भाषा में प्रकट किया जाना चाहिए। जैसे – खेद है कि ……………..
- कार्यालयी पत्र official capacity में लिखे जाते है, Personal capacity में नहीं ।
- इन पत्रों में “मैं , मेरा, मेरे द्वारा” आदि शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। इनके स्थान पर “इस कार्यालय द्वारा”, “अधोहस्ताक्षरकर्ता द्वारा”, “इस कार्यालय को”, “इस कार्यालय से” शब्दों का प्रयोग किया जाना चाहिए।
देखें: विगत वर्षों की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गये पत्र लेखन से संबधित वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQs)
सरकारी/कार्यालयी पत्र (Karyalayi Patra) का प्रारूप
सरकार का नाम,
कार्यालय/विभाग का नाम, स्थान।
प. क्र.- जि.शि.अ./ज./161. /121-22. 05 जनवरी, 2024
कार्यालय पत्र
प्रेषिति-सेवा में,
अधिकारी का पद,
कार्यालय का नाम,
स्थान।
विषय-………………………………………………………हेतु।
सन्दर्भ-……………………………………………के क्रम में।
उपर्युक्त विषय एवं सन्दर्भान्तर्गत सूचनार्थ निवेदन है कि……………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………..
हस्ताक्षर (नाम)
पद
प. क्र.-……………………. 05 जनवरी, 2024
प्रतिलिपि – सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु-
- ………………
- ………………
- ……………….
- रक्षित पत्रावली
हस्ताक्षर (नाम)
पद
✨ डाउनलोड: सरकारी/कार्यालयी पत्र का प्रारूप (PDF) 📥
सामान्य सरकारी/कार्यालयी पत्र लिखने का सही तरीका
आइये कार्यालयी पत्र (Karyalayi Patra) के सभी खंडों/हिस्सों को विस्तार से समझते है।
1. पत्र शीर्ष
इसमें पत्र के मध्य में सरकार का नाम, नीचे की पंक्ति में कार्यालय या विभाग का नाम एवं स्थान लिखा जाता है।
जैसे :-
1. राजस्थान/उत्तरप्रदेश/मध्यप्रदेश/हिमाचल सरकार,
कार्यालय, जिला शिक्षा अधिकारी,
प्रारम्भिक शिक्षा, जयपुर/ लखनऊ/भोपाल, शिमला।
2. राजस्थान/उत्तरप्रदेश/मध्यप्रदेश/हिमाचल सरकार,
गृह विभाग (ग्रुप-5),
जयपुर/ लखनऊ/भोपाल, शिमला।
3. राजस्थान/उत्तरप्रदेश/मध्यप्रदेश/हिमाचल सरकार,
राजस्थान/उत्तरप्रदेश/मध्यप्रदेश/हिमाचल राज्य पथ परिवहन निगम,
जयपुर/ लखनऊ/भोपाल, शिमला।
4. राजस्थान/उत्तरप्रदेश/मध्यप्रदेश/हिमाचल सरकार,
कार्यालय, जिला कलेक्टर, कोटा।
5. राजस्थान सरकार,
कार्यालय, उपखण्ड अधिकारी,
शाहपुरा, जयपुर
2. पत्र क्रमांक
कार्यालयी पत्र में प्रमुख विशेषता पत्र क्रमांक ही हाेती है। इसमें पत्र से सम्बन्धित सम्पूर्ण विवरण- विभाग या कार्यालय का नाम/ शाखा या प्रकाेष्ठ का नाम, वर्ष, पत्र प्रेषण की संख्या आदि का उल्लेख संक्षिप्त में किया जाता है। इससे पत्र फाइलिंग एवं पुनः अवलाेकन में सहुलियत रहती है।
जैसे – जि. शि. अ./प्रा. षि./काे./1182
3. दिनांक
पत्र क्रमांक के पश्चात दाँयी ओर दिनांक लिखा जाता है। तारीख को दाे अंकाे में, महीने काे शब्दाें में लिखकर अल्प विराम लगाते हैं तथा वर्ष काे 4 अंकाें में लिखा जाता है।
जैसे :-
05 जनवरी, 2024
जनवरी 05, 2024
05.01.2024
4. प्रेषिति
सेवा में/प्रतिष्ठा में,
श्रीमान जिला शिक्षा अधिकारी, (वरिष्ठ अधिकारी काे)
प्रारम्भिक शिक्षा, कोटा ।
जिला शिक्षा अधिकारी, (कनिष्ठ अधिकारी काे)
प्रारम्भिक शिक्षा, कोटा।
नाेट :-
- इसी पते काे लिफाफे पर लिखा जाता है।
- इसी पते के आधार पर इस पत्र की कार्यालयी प्रति या रक्षित पत्रावली कार्यालय की फाइल में जमा हाेती है।
5. विषय
विषय किसी भी पत्र का सार का मूल मजमून हाेता है ताकि विषय काे पढ़ते ही पत्र के उद्देश्य के बारे में तुरन्त जानकारी मिल जाए। साथ ही उक्त पत्र कार्यालय की किस शाखा/विभाग या प्रकाेष्ठ द्वारा उपयोग में लिया जाना है, का निर्णय पूरा पत्र पढे़ बिना ही हाे सके।
जैसे :-
- रामलीला आयोजन की स्वीकृति चाहने हेतु।
- माह जनवरी, 2024 की न्यायालय से लम्बित प्रकरणों की सूचना चाहने हेतु।
- पासपोर्ट बनवाने की स्वीकृति चाहने हेतु।
- शहर में व्याप्त गन्दगी हटवाने के सम्बन्ध में।
- नगरपालिका चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था के सम्बन्ध में।
- अवैतनिक अवकाश चाहने हेतु।
6. सन्दर्भ
कार्यालयी पत्र में सन्दर्भ की विशेष महत्ता है। किसी सूचना, कार्यक्रम या आदेश की अनुपालना या क्रियान्विति हेतु पूर्व में हुई मीटिंग, पत्र या वार्ता का हवाला देना ही सन्दर्भ कहलाता है।
जिससे सम्बन्धित विभाग या अधिकारी को पत्र के उद्देश्य की जानकारी प्राप्त करने में सहुलियत रहती है, साथ ही सन्दर्भ के माध्यम से उसे सम्बन्धित सूचना, कार्यक्रम या आदेश की अन्य वांछित जानकारी हेतु दिशा भी मिलती है।
जैसे :-
- दैनिक भास्कर में प्रकाशित समाचार ‘शहर में बढती चोरी की वारदातें’ दिनांक 17 फरवरी, 2024, पृष्ठ-12, भोपाल संस्करण के सम्बन्ध में।
- श्रीमान पुलिस महानिदेशक, मध्यप्रदेश के आदेश क्रमांक 4 (क)/पु. म. नि./म. प्र./2024 दिनांक 25 फरवरी, 2024 के सन्दर्भ में।
- आपका पत्र क्रमांक 26 (ग)/रा. रा. प. प. नि/ज./2023 दिनांक 26 नवम्बर, 2023 के सम्बन्ध में।
7. सम्बोधन या अभिवादन
- (महाेदय, मान्यवर) वरिष्ठ अधिकारी काे, सक्षम समकक्ष वरिष्ठ अधिकारी काे
- (प्रियवर, मान्यवर, प्रिय श्री,) कनिष्ठ अधिकारी काे, समकक्ष कनिष्ठ अधिकारी को
8. पत्र का मध्य भाग
इसको कम से कम तीन अनुच्छेद में लिखना चाहिए।
- विषय या समस्या का संक्षिप्त परिचय
- विषय या समस्या सारगर्भित वर्णन जाे सहज प्रवाहमान हाे, प्रसंग अनुकूल हाे एवं प्रभावशील हाे, करना चाहिए। अपेक्षाएँ और सुझाव भी लिखे जाने चाहिए।
- पत्र का सारांश प्रस्तुत करते हुए निवेदन एवं अपेक्षाओं का संक्षिप्त विवरण करना चाहिए।
9. शिष्टता सूचक शब्द एवं हस्ताक्षर
- पत्र के दांयी तरफ आवश्यकतानुसार शिष्टतासूचक शब्दाें का प्रयाेग करते हैं तथा नीचे हस्ताक्षर, काेष्ठक में नाम व पद लिखा जाता है।
नाेट :- पुनः बांयी और पत्र क्रमांक लिखा जाता है तथा दांयी और दिनांक लिखते हैं।
10. प्रतिलिपि
यदि पत्र का सम्बन्ध किसी अन्य पदाधिकारी से भी हो अथवा पत्र की पालना, उचित कार्यवाही या सूचना प्रदान करने के उद्देश्य से पत्र की प्रतिलिपि सम्बन्धित पदाधिकारियों काे भी प्रेषित की जाती है।
- प्रतिलिपि हमेशा वरिष्ठता क्रम में लिखी जाती है।
- प्रतिलिपि में पदनाम, विभाग एवं स्थान एक ही पंक्ति में लिखे जाते हैं।
- प्रतिलिपि में तीन प्रयाेजन हाेते हैं-
- सूचनार्थ
- पालनार्थ
- आवश्यक कार्यवाही
नाेट :- पत्र के दांयी तरफ पुनः हस्ताक्षर (नाम) तथा नीचे पद लिखा जाता है।
सामान्य कार्यालयी पत्र (Karyalayi Patra) का उदाहरण
प्रश्न : जिला निर्वाचन अधिकारी, जयपुर/ लखनऊ/भोपाल, शिमला की ओर से मतदाता सूचियाँ अद्यतन करने के सम्बन्ध में एक सामान्य कार्यालयी पत्र (Karyalayi Patra) लिखिए।
सामान्य कार्यालयी पत्र
राजस्थान/उत्तरप्रदेश/मध्यप्रदेश/हिमाचल सरकार
कार्यालय, जिला निर्वाचन अधिकारी,
जयपुर/ लखनऊ/भोपाल/ शिमला।
प. क्र.-जि. नि. अ./ज./1182. 20 अगस्त, 2023
प्रेषिति – सहायक निर्वाचन अधिकारी,
शाहपुरा।
विषय – मतदाता सूचियाँ अद्यतन करने के सम्बन्ध में ।
सन्दर्भ – पंचायती राज आम चुनाव 2024 के क्रम में।
उपर्युक्त विषय एवं सन्दर्भान्तर्गत लेख है कि आगामी पंचायती राज आमचुनाव की मतदान तिथि 24 फरवरी, 2024 निर्धारित की गई है। पिछले आम चुनाव में आपके क्षेत्र की मतदाता सूची तथा मतदाता पहचान पत्राें में काफी त्रुटियाँ पाई गईं थी।
अतः आपकाे निर्देशित किया जाता है कि दिनांक 20 जनवरी, 2024 तक इससे सम्बन्धित सभी त्रुटियों में सुधार करते हुए मतदाता सूची अद्यतन करवाना सुनिश्चित करें।
हस्ताक्षर (क ख ग)
जिला निर्वाचन अधिकारी,
जयपुर/ लखनऊ।
प.क्र: …………………. 20 अगस्त, 2023
प. क्र.-जि. नि. अ/ज./1183-85
प्रतिलिपि – सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु-
- श्रीमान राज्य निर्वाचन आयुक्त, जयपुर/ लखनऊ/भोपाल, शिमला।
- श्रीमान संभागीय आयुक्त, जयपुर/ लखनऊ/भोपाल, शिमला।
- रक्षित पत्रावली
हस्ताक्षर (नाम)
जिला निर्वाचन अधिकारी
जयपुर/लखनऊ/भोपाल, शिमला।
प्रश्न : निदेशालय प्रारंभिक शिक्षा विभाग, बीकानेर की ओर से बजट घोषणा 2024 के बिन्दु 5.2 एवं वित्त विभाग के दिशानिर्देशों के अनुपालन में सभी जिलों में विद्या संबल योजना की प्रभावी मॉनिटरिंग हेतु एक सामान्य कार्यालयी पत्र (Karyalayi Patra) लिखिए।
राजस्थान सरकार
निदेशालय प्रारंभिक शिक्षा विभाग, बीकानेर
प क्र : एफ 4/ नि प्रा शि वि/विविध/2024/126-158 दिनांक: 26 नवंबर 2024
समस्त जिला शिक्षा अधिकारी,
राजस्थान।
विषय: विद्या संबल योजना की प्रभावी मॉनिटरिंग के बाबत्।
संदर्भ: बजट घोषणा 2024 के बिन्दु 5.2 एवं वित्त विभाग के दिशानिर्देशों के अनुपालन के संदर्भ में।
महोदय,
उपर्युक्त विषयान्तर्गत एवं प्रासंगिक पत्र के क्रम में लेख है कि राज्य सरकार के बजट घोषणा बिन्दु 5.2 की अनुपालना में राज्य शिक्षण संस्थानों में रिक्त चल रहे पदों के विरुद्ध अनुभवी विषय विशेषज्ञों को गेस्ट फैकल्टी के रूप में नियुक्त किया जाना है।
समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा वित्त विभाग के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए योजना क्रियान्वयन की प्रभावी मॉनिटरिंग की जानी हैं। इसमें स्वीकृत रिक्त पदों के विरुद्ध नियुक्ति देना, सेवा नियम में अंकित अर्हता का ध्यान रखना, दस्तावेजों की जांच कराना, आरक्षण संबंधी प्रावधानों का पालन कराना एवं स्वयं व अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से सभी विद्यालयों में उक्त योजना के संचालन का औचक निरीक्षण करना शामिल है।
उक्त बिंदुओं के तहत एवं अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के मद्देनजर पात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र 30 नवंबर 2024 तक दिया जाना सुनिश्चित करें ताकि वित्त विभाग को अनुपालन रिपोर्ट प्रेषित की जा सके।
संलग्रक: वित्त विभाग दिशानिर्देश (दिनांक 26 अक्टूबर, 2024)
भवदीय
हस्ताक्षर (क, ख, ग)
निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, बीकानेर
प क्र : एफ 4/ नि प्रा शि वि/विविध/2024/158-162 दिनांक: 26 नवंबर 2024
प्रतिलिपि निम्नांकित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित है:
- निजी सचिव, मुख्यमंत्री महोदय, राजस्थान।
- शासन सचिव, वित्त विभाग, जयपुर।
- निजी सचिव, शिक्षा मंत्री महोदय, राजस्थान।
- कंप्यूटर एनालिस्ट, कंप्यूटर अनुभाग, प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर।
- रक्षित पत्रावली।
हस्ताक्षर (क, ख, ग)
निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, बीकानेर
अनुस्मारक/स्मरण पत्र (Reminder)
पूर्व में लिखे गए किसी पत्र का काेई जवाब प्राप्त नहीं हाेने पर अथवा उसके द्वारा प्रदत्त निर्देशों पर अपेक्षित कार्यवाही नहीं हाेने पर अथवा वांछित सूचना निश्चित तिथि तक प्रदान नहीं करने पर पुनः पत्र लिखा जाता है, उसे अनुस्मारक या स्मरण पत्र कहते है।
अनुस्मारक पत्र में सन्दर्भ लिखा जाना अनिवार्य हाेता है, आवश्यकता अनुसार विषय भी लिख सकते है। अनुस्मारक पत्र उसी प्रारूप में लिखा जाता है जिस प्रारूप में पूर्व पत्र लिखा गया था।
अनुस्मारक/स्मरण पत्र के उदाहरण
1.
राजस्थान/उत्तरप्रदेश/मध्यप्रदेश/हिमाचल सरकार
कार्यालय, जिला निर्वाचन अधिकारी,
जयपुर/ लखनऊ/भोपाल, शिमला।
प. क्र. – जि. नि. अ/ज./1380 21 जनवरी, 2024
अनुस्मारक पत्र
प्रेषिति – सहायक निर्वाचन अधिकारी,
शाहपुरा।
विषय – मतदाता सूचियाँ अद्यतन करने के सम्बन्ध में।
सन्दर्भ – इस कार्यालय पूर्व पत्रांक- जि.नि.अ./ज./1182, दिनांक -20 अगस्त, 2023 के क्रम में।
उपर्युक्त विषय एवं सन्दर्भान्तर्गत पत्र का अवलोकन करें जिसके द्वारा निर्देषित कार्यवाही आज दिनांक 21 जनवरी, 2024 तक नहीं हुई जाे 20 जनवरी, 2024 तक हाे जानी थी।
ध्यातव्य है कि उक्त कार्य आगामी पंचायती राज आम चुनाव 2024 से सम्बन्धित है एवं अति आवश्यक है।
अतः आप 10 दिवस में अविलम्ब कार्य पूर्ण करवाकर कार्यालय काे सूचित करें। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देवें।
हस्ताक्षर (क ख ग)
जिला निर्वाचन अधिकारी
जयपुर/ लखनऊ/भोपाल, शिमला।
प. क्र.-जि.नि.अ/ज./1381-83. 21 जनवरी, 2024
प्रतिलिपि-सूचनार्थ एवं आवष्यक कार्यवाही हेतु-
- श्रीमान राज्य निर्वाचन आयुक्त, जयपुर/ लखनऊ/भोपाल, शिमला।
- श्रीमान सम्भागीय आयुक्त, जयपुर/ लखनऊ/भोपाल, शिमला।
- रक्षित पत्रावली।
हस्ताक्षर (क ख ग)
जिला निवार्चन अधिकारी,
जयपुर/ लखनऊ/भोपाल, शिमला।
2.
राजस्थान सरकार
निदेशालय, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवायें,
जयपुर, राजस्थान
क्रमांक – नर्सिंग/नर्स-2/ए-189/2024/416 दिनांक: 11.05.2024
प्रमुख चिकित्सा अधिकारी,
राजकीय चिकित्सालय,
सीकर।
विषय: श्री रवि मीना, नर्स श्रेणी द्वितीय के 12 माह से मेडिकल अवकाश पर अनुपस्थिति बाबत्
संदर्भ: आपका पत्रांक 5996-5998 दिनांक 24.04.2024 के क्रम में।
उपरोक्त विषयान्तर्गत संदर्भित पत्र के क्रम में लेख है कि निदेशालय के पत्र क्रमांक 855 दिनांक 06.10.2023 के द्वारा श्री रवि मीना, नर्स श्रेणी द्वितीय का मेडिकल अवकाश के कारण लगभग 12 माह अनुपस्थित रहने पर नियमानुसार कार्यवाही के प्रस्ताव तैयार कर भिजवाने हेतु लिखा गया था जिसका प्रतिउत्तर आज दिनांक तक प्राप्त होना अपेक्षित है।
अतः आप द्वारा भिजवाये गये अवकाश प्रस्ताव को मूल ही इस पत्र के साथ सलग्न कर भिजवाया जा रहा है। श्री रवि मीना, नर्स श्रेणी द्वितीय के मेडिकल अवकाश के कारण लगभग 12 माह अवकाश पर रहने के कारण आप द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा की गई कार्यवाही के नियमानुसार प्रस्ताव निदेशालय को भिजवाने का श्रम करें।
सलग्न:- उपरोक्तानुसार।
संयुक्त निदेशक (अराजपत्रित)
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें
जयपुर, राजस्थान
क्रमांक – नर्सिंग/नर्स-2/ए-189/2024/416 दिनांक: 11.05.2024
प्रतिलिपि:- निम्न को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित है:-
संयुक्त निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें, जोन-बीकानेर।
सबंधित कार्मिक द्वारा उनको प्रशासनिक अधिकारी।
प्रभारी सर्वर रूम को भेजकर लेख है कि उक्त पत्र को विभागीय वेबसाईट पर अपलोड करे।
संयुक्त निदेशक (अराजपत्रित)
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें
जयपुर, राजस्थान
आयुक्त कॉलेज शिक्षा,जयपुर द्वारा राजस्थान स्वेच्छया ग्रामीण सेवा नियम के राजकीय सेवा में समायोजित कार्मिकों का मूल सेवाभिलेख भिजवाने के लिए स्मरण पत्र लिखिए।
अर्धशासकीय पत्र (D. O. Letter / Demi Official Letter)
- इन पत्रों का प्रयोग उस स्थिति में किया जाता है जब किसी अधीनस्थ विभाग या कार्यालय से एक-दो अनुस्मारक पत्र भेजने के बाद भी वांचित सूचना प्राप्त नहीं हुई हो अथवा व्यक्तिगत महत्व के किसी कार्य में रूचि लेते हुए शीघ्र मँगवाने या क्रियान्विति हेतु अर्द्धषासकीय पत्र का प्रयोग किया जाता है।
- इन पत्रों का विषय तो शासकीय (सरकारी) होता है परन्तु भाषा व्यक्तिगत पत्रों जैसी होती है।
- यह पत्र उत्तम पुरूष, एकवचन शैली में मित्रतापूर्ण भाषा में लिखा जाता है। अर्थात् मैं का प्रयोग किया जाता है।
- इन पत्रों को भेजने व पाने वाले दोनों ही अधिकारियों के व्यक्तिगत नाम प्रयुक्त होते हैं।
अर्धशासकीय पत्र का प्रारूप (Format)
सरकार का नाम
कार्यालय/विभाग का नाम, स्थान।
प.क्र.- …………….. दिनांक …………..
अर्धशासकीय पत्र
(आदरणीय श्री, मान्य श्री) वरिष्ठ अधिकारी को
(प्रिय श्री) कनिष्ठ अधिकारी को
……………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………..। इसे प्राथमिकता प्रदान करें। व्यक्गित ध्यान देवें।
शुभेच्छु
नाम
(आदरणीय श्री, मान्य श्री) वरिष्ठ अधिकारी को
(प्रिय श्री) कनिष्ठ अधिकारी को
अर्धशासकीय पत्र का उदाहरण (Example)
राजस्थान/उत्तरप्रदेश/मध्यप्रदेश/हिमाचल सरकार
कार्यकाल, जिला निर्वाचन अधिकारी,
जयपुर/ लखनऊ/भोपाल, शिमला।
प.क्र.- जि. नि. अ/ज./1401. 01 फरवरी, 2024
अर्द्धशासकीय पत्र
प्रिय श्री विकास,
मैं आपका व्यक्तिगत ध्यान हमारे पूर्व पत्रांक- जि. नि. अ./ज./1182, दिनांक 20 अगस्त, 2023 एवं अनुस्मारक पत्रांक- जि. नि. अ./ज. 1380, दिनांक 21 जनवरी, 2024 की ओर आकृष्ट करना चाहूँगा जिनके माध्यम से मतदाता सूचियाँ अद्यतन करने की सूचना चाही गई थी परन्तु आज दिनांक 01 फरवरी 2024 तक प्राप्त नहीं हुई।
2. ध्यातव्य है कि उक्त सूचना पंचायती राज आम चुनाव 2024 से सम्बन्धित है जो अति आवश्यक है। इस सम्बन्ध में चुनाव आयोग मुख्यालय द्वारा बार-बार स्मरण पत्र आ रहे हैं।
3. अतः मै चाहूँगा कि आप इस कार्य पर व्यक्तिगत ध्यान देकर 5 दिवस में शेष कार्य पूर्ण करवाकर अविलम्ब भिजवाते हुए मुझे व्यक्तिगत सूचित करेगें।
शुभेच्छु
पंकज शर्मा
परिपत्र
- परिपत्र का शाब्दिक अर्थ होता है- “अत्यधिक लोगों को एक साथ भेजा जाने वाला शासकीय पत्र। “
- जब किसी कार्यालय/विभाग/मुख्यालय/मंत्रालय द्वारा किसी शासकीय पत्र ज्ञापन अथवा आदेश को समस्त अधीनस्थ कार्यालयों, विभागों अधिकारियों या कर्मचारियों को सूचना प्रेषण या सूचना संग्रहण हेतु एक साथ अनेक प्रेषितियों को भेजा जाने वाला कार्यालय पत्र परिपत्र कहलाता है।
- परिपत्र की प्रतिलिपि जिन-जिन कार्यालयों को प्रेषित की जाती है, उनका उल्लेख पृष्ठांकन के रूप में अवश्य होना चाहिए।
परिपत्र का प्रारूप
सरकार का नाम
कार्यालय/विभाग का नाम, स्थान।
प.क्र.- दिनांक : …………….
परिपत्र
विषय : –
सन्दर्भ : –
………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………….मध्य भाग ……………………………….. ………………………………………………………………………………..
हस्ताक्षर (नाम)
पद
प.क्र: ………………… दिनांक: ……………..
प्रतिलिपि – सूचनार्थ व आवश्यक कार्यवाही हेतु।
- ………….
- ………….
- ………….
- रक्षित पत्रावली
हस्ताक्षर (नाम)
पद
परिपत्र के उदाहरण
राजस्थान/उत्तरप्रदेश/मध्यप्रदेश/हिमाचल सरकार
कार्यालय, शासन सचिवालय,
जयपुर/ लखनऊ/भोपाल, शिमला।
प.क्र.-13(4)/शा. स./ज./2023. /216. 03 नवम्बर, 2023
परिपत्र
विषय : – सूचना अधिकार अधिनियम-05 के सुचारू क्रियान्वयन हेतु।
सन्दर्भ – केन्द्रीय सूचना आयोग द्वारा जारी आदेश क्रमांक- 5(4)/के. सू. आ/2023/2595, दिनांक-25 अक्टूबर, 2023 के क्रम में।
केन्द्रीय सूचना आयोग के उपयु र्क्त सन्दर्भान्तर्गत आदेश की अनुपालना में मुझे यह सूचित करने का आदेश हुआ है कि समस्त सरकारी विभाग, कार्यालय एवं संस्थाएँ सूचना अधिकार अधिनियम-05 के तहत प्राप्त आवेदन से सम्बन्धित निम्न दिशा निर्देंषों का पालन अनिवार्य व अक्षरस : करें-
- अन्य विभाग या कार्यालय से सम्बन्धित आवेदन को अस्वीकार नहीं करके या तो उसे सम्बन्धित विभाग/कार्यालय के सम्बन्ध में निदेर्षित करें या स्वयं ग्रहण कर सम्बन्धित तक पहुचाएँ।
- आवेदक से कोई भी सूचना अधिकारी सूचना चाहने का कारण नहीं पूछ सकता।
- सूचना अधिकारी यदि आवेदन निरस्त या अस्वीकार करता है तो उसका कारण/स्पष्टीकरण देना आवश्यक है कि किस नियम के तहत आवेदन अस्वीकार/निरस्त किया गया है।
- सादा कागज पर लिखित आवेदन को भी स्वीकार करें।
- यदि आवेदक निरक्षर या आवेदन पत्र प्रविष्ठि में कोई सलाह माँगता है तो इन्कार नहीं किया जाए।
2. ध्यातव्य है कि उपर्युक्त आदेश केन्द्रीय सूचना आयोग द्वारा पूर्व में भी कई बार जारी किए गए थे किन्तु अधिकांश सरकारी विभागों, मुख्यालयों और अधीनस्थ कार्यालयों में इन नियमों की विधिवत् पालना नहीं की जाती है।
3. अतः समस्त विभागों, मुख्यालयों और अधीनस्थ कार्यालयों के समस्त अधिकारियों को सूचित किया जाता है कि वे इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने अधीनस्थ कार्य कर रहे समस्त अधिकारियों / कर्मचारियों को सूचित कर अपने-अपने कार्यालयों में सूचना अधिकार अधिनियम-05 के विधिवत क्रियान्वयन को सुनिश्चित करें।
हस्ताक्षर ( क ख ग)
मुख्य सचिव
शासन सचिवालय
लखनऊ/भोपाल, शिमला।
प.क्र.-13(4)/शा.स./ज./2023/217 03 नवम्बर, 2023
प्रतिलिपि-सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु-
- समस्त विभागाध्यक्ष, राजस्थान/उत्तरप्रदेश/मध्यप्रदेश/हिमाचल सरकार।
- समस्त सम्भागीय आयुक्त, राजस्थान/उत्तरप्रदेश/मध्यप्रदेश/हिमाचल सरकार।
- समस्त जिला कलेक्टर, राजस्थान/उत्तरप्रदेश/मध्यप्रदेश/हिमाचल सरकार।
- रक्षित पत्रावली
हस्ताक्षर ( क ख ग)
मुख्य सचिव
शासन सचिवालय
लखनऊ/भोपाल, शिमला।
स्टेनो कैडर के पदों पर कार्य व्यवस्थार्थ पदस्थापित अन्य कैडर के कार्मिकों के स्थान पर स्टेनो कैडर के ही कार्मिकों को लगाये जाने के संबंध में परिपत्र लिखिए ?
सचिवालय परिसर में वाहनों के आवागमन एवं पार्किंग व्यवस्था के संबंध में परिपत्र लिखिए ?
शासन सचिवालय परिसर एवं परिसर स्थित विभिन्न भवनों को स्वच्छ एवं साफ रखने के संबंध में सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रभावी कार्यवाही करने हेतु परिपत्र लिखिए।
वाक्य (Vakya) एवं वाक्य शुद्धि
नमस्कार! सरल हिंदी व्याकरण पर आपका स्वागत है। इस ब्लॉग के माध्यम से हम अपने कई सालों के सफल अनुभव और ज्ञान पर आधारित “हिंदी भाषा और व्याकरण” की उच्च गुणवत्ता वाली अध्ययन सामग्री साझा करते हैं।
यहाँ हम हमेशा आपको “हिंदी भाषा एवं व्याकरण” की पूर्णतया अद्यतित और उपयुक्त अध्ययन सामग्री उपलब्ध करवाने का प्रयास करते हैं। ताकि आप प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ट सफलता प्राप्त करें। हमने एक नए दृष्टिकोण से हिंदी भाषा और व्याकरण को समझने का प्रयास किया है और इसे बार-बार अभ्यास से सीखने का एक सरल तरीका विकसित किया है।
हम आप सभी को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए यहाँ हैं। आइये – साथ मिलकर “हिंदी भाषा और व्याकरण” में अभूतपूर्व सफलता की ओर कदम बढ़ाते हैं!
धन्यवाद।