हिन्दी व्याकरण में विशेषण (Visheshan) का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। यह वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने का कार्य करता है। विशेषण के माध्यम से हम संज्ञा या सर्वनाम के बारे में अधिक सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आइए, विशेषण को विस्तार से समझें।
- विशेषण की परिभाषा (visheshan ki paribhasha)
- विशेषण के भेद (visheshan ke prakar)
- विशेषण का वाक्य में प्रयोग (Use of Visheshan in Sentences)
- विशेषण और विशेष्य का संबंध (Relation Between Visheshan and Visheshya)
- प्रविशेषण (pravisheshan)
- विशेषण की रचना एवं व्युत्पन्न विशेषण (vyutpann visheshan)
- विशेषण अभ्यास प्रश्न (VISHESHAN Practice Questions)
- निष्कर्ष (Conclusion)
विशेषण की परिभाषा (visheshan ki paribhasha)
वे शब्द, जो ‘संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता‘ बताते है, विशेषण कहलाते हैं। इनके प्रयोग से किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान के सही स्वरूप का ज्ञान होता है।
उदाहरण:
- सुंदर फूल खिले हैं।
(यहाँ ‘सुंदर’ शब्द ‘फूल’ की विशेषता बता रहा है।) - राम एक विद्वान व्यक्ति है।
(‘विद्वान’ राम की विशेषता है।)
विशेषण के भेद (visheshan ke prakar)
इनको उनके कार्य और अर्थ के आधार पर मुख्य रूप से पाँच भागों में बांटा गया है:
1. गुणवाचक विशेषण (Adjective of Quality)
वे शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम के गुण-दोष, रूप, आकार, स्वभाव, दशा आदि का बोध कराते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण (Adjective of Quality) कहते हैं।
यह विशेषण निम्नलिखित हैं
- गुण दोष=अच्छा, बुरा, सरल, झूठा, दानी, कपटी, कृपाण, ईमानदार आदि।
- रंग= काला, पीला, चमकीला, गुलाबी, नीला आदि।
- आकर= छोटा, बड़ा, तिकोना, चौकोर, गोलाकार आदि।
- स्वाद= खट्टा, मीठा, मधुर, नमकीन, कसैला आदि।
- स्पर्श= कठोर, मुलायम, कोमल, खुरदरा आदि।
- गंध=खुशबूदार, सुगंधित, सोंधा, गांधहीन आदि।
- दिशा =पश्चिम, पूर्वी, उत्तरी, दक्षिणोत्तरी आदि।
- अवस्था=युवा, बूढ़ा, तरुण, प्रौढ़ आदि।
- स्थान= ग्रामीण, देशी, मराठी, गुजराती आदि।
- काल=आधुनिक, ताजा, बासी आदि।
- उदाहरण:
- बच्चों की त्वचा मुलायम होती है।
- प्रमोद पुरानी कमीज पहन के घूम रहा था ।
- ये काला कुत्ता राहुल का है।
2. परिमाणवाचक विशेषण (Adjective of Quantity)
जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित या अनिश्चित मात्रा, परिमाण, नाप-तोल का बोध करते हैं, उन्हें परिमाणवाचक विशेषण (Adjective of Quantity) कहते हैं।
- उदाहरण:
- मन्नू पहलवान रोज चार किलो छाछ पीता है। (यहाँ चार किलो छाछ का माप है। इन वस्तुओं को गिना नहीं जा सकता, केवल नापा या तोला जा सकता है।)
परिमाणवाचक विशेषण भी 2 प्रकार का होते है–
- निश्चित परिमाणवाचक विशेषण: पाँच किलो, दस क्विंटल, एक तोला, दस मीटर आदि।
- अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण:ढेर सारा, बहुत सा, कई किलो, पचासों मन, तनिक, थोड़ी, जरा-सा आदि।
3. संख्यावाचक विशेषण (Adjective of Number)
जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित या अनिश्चित संख्या, क्रम या गणना का बोध करते हैं, उन्हें संख्या वाचक विशेषण कहते हैं।
संख्यावाचक विशेषण भी दो प्रकार के होते हैं।
(क) निश्चित संख्यावाचक विशेषण: दो, चौथा, पहला, चौगुना आदि शब्द।
निश्चित संख्यावाचक विशेषण के भी 6 भेद होते हैं–
- अंक बोधक: एक, तीन, पाव, आधा, सवा, डेढ़ आदि।
- क्रमबोधक: पहला, चौथा, ग्यारहवां, छठा, बीसवां आदि।
- आवृत्ति बोधक: (जिससे गुणन का बोध हो) जैसे: दुगना, चोगुना, इकहरा, दूहरा आदि।
- समुदाय बोधक: (इकट्ठे समूह का बोध) जैसे: दोनों, तीनों, चारों, सबके सब, सभी आद
- समुच्चबोधक: दर्जन, युग्म, जोड़ा, सैकड़ो, शतक, चालीसा, सतसई आदि।
- प्रत्येक बोधक या विभाग वाचक: प्रत्येक, हर एक, हर मास, हरवर्ष, एक-एक आदि।
(ख)अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण: कुछ, कई, बहुत, काफी, थोड़े, हजारों आदि।
- उदाहरण:
- कक्षा में बीस छात्र उपस्थित हैं।
- उसने तीन किताबें पढ़ी।
- बिहारी ने सतसई लिखी। (पटवार भर्ती 2011)
4. संकेतवाचक विशेषण (Demonstrative Adjective)
ऐसे शब्द जो सर्वनाम हैं लेकिन वाक्य में विशेषण के रूप में प्रयुक्त हो रहें हैं अर्थात् संज्ञा कि विशेषता प्रकट कर रहें हैं, वे संकेतवाचक विशेषण कहलाते हैं।
चूंकि मूल रूप से ये सर्वनाम हैं इसलिए ये विशेषण ‘सार्वनामिक विशेषण‘ भी कहलाते हैं।
उदाहरण:
- इस गेंद को मत फेंको।
- उस पुस्तक लो पढ़ो।
- कोई व्यक्ति आए हैं।
5. व्यक्तिवाचक विशेषण (Possessive adjectives)
ऐसे शब्द जो मूल रूप से व्यक्तिवाचक संज्ञा होते हैं किन्तु वाक्य में विशेषण का कार्य कर रहें है, उन्हे व्यक्तिवाचक विशेषण कहते हैं।ये विशेषण किसी विशेष स्थान, व्यक्ति या वस्तु के नाम से बने होते हैं अर्थात् संज्ञा होते हैं किन्तु वाक्य में अन्य संज्ञा शब्द की विशेषता बताते है।
उदाहरण:
- गुजराती: गुजरात से बना हुआ। जैसे, “मुझे गुजराती खाना पसंद है।”
- बनारसी: बनारस से बना हुआ। जैसे, “बनारसी साड़ी बहुत प्रसिद्ध है।”
- राजस्थानी: राजस्थान से बना हुआ। जैसे, “राजस्थानी मिठाइयाँ बहुत स्वादिष्ट होती हैं।”
- जयपुरी: जयपुर से बना हुआ। जैसे, “जयपुरी रजाई बहुत गर्म होती है।”
- कश्मीरी: कश्मीर से बना हुआ। जैसे, “कश्मीरी शॉल बहुत मुलायम होती है।”
विशेषण का वाक्य में प्रयोग (Use of Visheshan in Sentences)
विशेषण वाक्य को अधिक प्रभावी और वर्णनात्मक बनाता है। निम्नलिखित वाक्यों से यह स्पष्ट होगा:
- प्यारे बच्चे खेल रहे हैं।
- हमने लंबी यात्रा की।
- उसे बहुत सारा सम्मान मिला।
- मदन काली पतलून पहन कर खेलने आया। [RTET Level 2 2011]
- प्रभा एक सुशील कन्या है। [3rd Gr Teacher 2010] (कन्या-विशेष्य, सुशील-विशेषण)
विशेषण और विशेष्य का संबंध (Relation Between Visheshan and Visheshya)
जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट की जाती है, उसे ‘विशेष्य’ और जो विशेषता सूचक शब्द होता है, उसे विशेषण कहते हैं।
विशेषण प्रायः विशेष्य से पहले आता है।
उदाहरण:
- राम लाल अपनी दुकान पर लाल पजाम पहन के आया।
- यहाँ ‘लाल’ (विशेषता सूचक शब्द) विशेषण है और ‘पजामा’ विशेष्य (अर्थात् पजामा का गुण बताया गया है)।
प्रविशेषण (pravisheshan)
जो विशेषणों कि भी विशेषता बतलाते हैं, वे ‘प्रविशेषण’ कहलाते हैं। (बहुत अधिक, बड़े, अत्यंत, घोर आदि प्रविशेषण है)
- अमायरा बहुत सुंदर बालिका है।
- यहाँ ‘सुंदर’ विशेषण है और ‘बहुत’ प्रविशेषण है।
विशेषण की रचना एवं व्युत्पन्न विशेषण (vyutpann visheshan)
हिन्दी में मूल विशेषण: बुरा, अच्छा, लंबा, छोटा, बड़ा आदि।
अधिकांश विशेषण संज्ञा, क्रिया, सर्वनाम या अव्यय से उत्पन्न हुए है, इसलिए इन्हें ‘व्युत्पन्न विशेषण‘ कहतें हैं। इनका निर्माण संज्ञा, क्रिया, सर्वनाम तथा अव्यय में उपसर्ग और प्रत्यय लगाने से होता है
विशेषण की रचना विभिन्न प्रकार से की जा सकती है। यहाँ कुछ प्रमुख तरीके दिए गए हैं:
संज्ञा से विशेषण:
संज्ञा + प्रत्यय:
- रंग + ईन= रंगीन
- राष्ट्र + ईय = राष्ट्रीय
- नमक + ईन = नमकीन
- नगर + इक = नागरिक
- जयपुर + इया =जयपुरिया
- बनारस + ई = बनारसी
- स्वर्ण + इम =स्वर्णिम
सर्वनाम से विशेषण:
सर्वनाम + प्रत्यय:
- मैं + एरा = मेरा
- तुम + हरा = तुम्हारा
- जो + सा = जैसा
क्रिया से विशेषण:
क्रिया + प्रत्यय:
- लूट + एरा = लुटेरा
- झगड़ + आलू = झगड़ालू
- वंदन + ईय =वंदनीय
अव्यय से विशेषण:
अव्यय + प्रत्यय:
- बाहर + ई = बाहरी
- अंदर + ई = अंदरूनी
- पीछे+ला =पिछला
- आगे+ला =अगला
उपसर्ग और प्रत्यय के योग से विशेषण:
- अ + धर्म + इक = अधार्मिक
- न + अस्ति + क = नास्तिक
विशेषण अभ्यास प्रश्न (VISHESHAN Practice Questions)
विशेषण से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में निम्न प्रकार के प्रश्न पुछे जाते है, इनका अभ्यास करना अत्यंत आवश्यक है। यहाँ हमने ऐसे ही विभिन्न विगत वर्षों में आयोजित परीक्षाओं में आए हुए सवालों को शामिल किया है ताकि आप बेहतर तैयारी कर सकें।
‘प्रविशेषण’ बताते हैं? [ग्राम सेवक परीक्षा 2010]
- विशेषण का भेद
- विशेषण का भाव
- विशेषण की परिभाषा
- विशेषण का गुण
सही उत्तर (3)
इनमें से किस विकल्प के सभी विशेषण संज्ञा से बने हैं [संरक्षण अधिकारी परीक्षा 2019[
- जहरीला,कड़वा
- खानदानी, सफेद
- श्रद्धालु, रंगीला
- पुराना, भगोड़ा
सही उत्तर (3) ‘श्रद्धा’ भाववाचक संज्ञा से बना विशेषण = ‘श्रद्धालु’, ‘रंग’ गुणवाचक संज्ञा से बना विशेषण = ‘रंगीला’
निम्नलिखित में से कौन सा विशेषण नहीं है [JLO (Law) 2019]
- इकरा
- प्राथमिकता
- सुवासित
- साप्ताहिक
सही उत्तर (2) प्राथमिकता भाववाचक संज्ञा है जो विशेषण प्राथमिक से निर्मित है।
निम्नलिखित में से कौन सा संज्ञा से बना विशेषण नहीं है? [लिपिक परीक्षा 2013, वरिष्ठ अध्यापक संस्कृत शिक्षा परीक्षा 2019]
- आर्थिक
- प्राथमिक
- सामाजिक
- वैज्ञानिक
सही उत्तर (2)
निम्नलिखित में से कौन सा शब्द भाववाचक संज्ञा से बना विशेषण नहीं है? [आरपीएससी जूनियर अकाउंटेंट परीक्षा 2016]
- लोभी
- बुद्धिमान
- पापी
- प्राथमिक
सही उत्तर (4)
निम्नलिखित में से कौन सा विशेषण नहीं है? [वरिष्ठ अध्यापक संस्कृत शिक्षा 2019]
- पुस्तकालय
- पुस्तक
- पुस्तकीय
- पुस्तकों
सही उत्तर (3)
निम्नलिखित में से किस में परिमाणवाचक विशेषण है? [पटवार परीक्षा 2011]
- सोहन 5 किलो दूध पी गया
- थोड़े बच्चे दिखाई दे रहे हैं
- रमन पांच केले खा गया
- आज मैं अधिक अंगूर खा लिए
सही उत्तर (1)
निष्कर्ष (Conclusion)
विशेषण भाषा को समृद्ध बनाते हैं। इनके बिना वाक्य साधारण और अस्पष्ट हो सकता है। विशेषण का सही उपयोग भाषा में गहराई और स्पष्टता प्रदान करता है।
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हम आप सभी को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए यहाँ हैं। आइये – साथ मिलकर “हिंदी भाषा और व्याकरण” में अभूतपूर्व सफलता की ओर कदम बढ़ाते हैं!
धन्यवाद।